सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन। ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ ओम् ऐं ह्रीम क्लीम दीनकंपी धर्मात्मा प्रेमाधि रामवल्लभ आध्यमम मारुत वीर मैं भष्तेदेही सतवरम क्लेम हरेम ऐम ओम तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥ https://directory-store.com/listings13204548/not-known-details-about-hanuman-mantra